Tuesday, January 10, 2012

केवल हौसला

वो चिंता में डूबा
उकडू मुकडू बैठा था
अचानक खडा हो गया
बनियान की जेब से
खैनी की पुडिया निकाला
खैनी को हथेली पर रख
ढंग से घिसा
चुना मिलाया
चुटकी में भर
जब उसने आसमान को देखते हुए
खैनी को होठों के बीच में
दबाया और बुदबुदाया
चलो देखते है क्या होगा
फिर चिंता कहा
केवल हौसला

1 comment:

विभूति" said...

हौसला ही काफी है जिन्दगी के लिए...... खुबसूरत अभिवयक्ति.....