Friday, July 23, 2010

सब्सिडी बता तू आती कहा से है /


क्या पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय आम भारतीय को यह भी बताएगी की हर सिलेंडर के पीछे दी जाने वाली रूपए २२४.३८ की सब्सिडी आती कहा से है ? सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही की बड़ी बातें कर रही है, एक तरफ महंगाई आम भारतीय की कमर तोड़ रही है, दूसरी तरफ सरकार गैस सिलेंडर पर सब्सिडी दे कर अपनी पीठ स्वयं ही थपथपाना चाहती है / सरकार मध्यम वर्ग को केंद्र में रखकर ही अपनी योजनाएं बनाती है, निम्न वर्ग चूकीं बिखरे और असंगठित है इसलिए वरीयता क्रम में नहीं आते है / आज भी लगभग ८० प्रतिशत ग्रामीण घरों में चूल्हा लकड़ी, और गोबर के कन्डो से जलते है / आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र के लोग तो जानते ही नहीं है की क्या होता है गैस सिलेंडर ? लेकिन सरकार उनके हितों को नज़रंदाज करते हुए मध्यम वर्ग की रसोई के लिए सबसिदाईज्द गैस सिलेंडर दे रही है, जिसके वितरण व्यवस्था पर ढंग से लगाम भी नहीं लगा पा रही है / घरेलू गैस का व्यावसायिक इस्तेमाल कितना हो रहा है क्या हमारी सरकार यह बताएगी ? नहीं बताना है तो न बताए इस तरह के आधे अधूरे लोक लुभावन प्रचार करने से तो बाज आये /

Tuesday, July 20, 2010

मन

आज मन पता नहीं क्यों प्रफुल्लित है / मन को तो सदैव प्रफुल्लित रहना चाहिए / लेकिन मन को प्रफुल्लित रखने का कोई तय सूत्र नहीं है, ना ही किसी वैज्ञानिक ने शोधने की कोशिश की, हो सकता है किया भी हो लेकिन मेरी जानकारी में नहीं है / अगर सफल हुआ होता शोधने में तो शायद जानकारी में होती / अब सवाल फिर से आता है की मन को प्रफुल्लित कैसे रक्खे या मन कभी - कभी प्रफुल्लित क्यों रहता है ? आज मन क्यों नहीं लग रहा है किसी काम में ? मन चिंतित है व्यथित है और ना जाने क्या क्या /शरीर के किस हिस्से में मन होता है मन दिखने में कैसा है ? यह ठीक उसी तरह से है जैसे प्यार और दिल / हम दिल दे चुके सनम - सनम आपके दिल से कौन सा खेल खेलेंगे और आप बिना दिल के कहा मौज करोगे ? दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे सब के सब तो दिलवाले है, कौन है बिना दिल का जो दुलहनिया ले जाएगा / प्रफुल्लित मन लिए दिल दुलहनिया के चक्कर में मै कहा आ फसा, काफूर हो गया प्रफुल्लन सताने लगी दुनियावी चिंताये /

Friday, July 16, 2010

मेरा आवांछित जीवन साथी

मुझे एक अदद जीवन साथी मिल गया है / जीवन साथी जिसको तो मै चाहता था और ना ही मेरे परिवार वाले / बिलकुल आप्रत्याशित तरीके से मिला मुझे मेरा जीवन साथी / कोई दिन पहले की बात है, मै बैंग्काक के सेनाके विशेष चिकित्शालय में दाखिल हुआ अपने सर में लगातार दर्द के वजह से / दाखिल होते ही चिकित्सकों नेपहला सवाल पूछा की कभी पहले ऐसा हुआ था ? तो मुझे हांग काँग याद गया, मै वहा भी इन्ही कारणों सेअस्पताल में दाखिल हुआ था / मैंने सच - सच पूरा पुराना प्रकरण सूना दिया / आदेश मिला की चुम्बकीयअनुनादी चित्रण होगा आपके मस्तिष्क का / मै थोड़ा सहमा लेकिन अगले ही पल सचेत हुआ की, पहले भी तो होचुका है हांग काँग में, मैंने अपनी स्वीकृत देने में एक क्षण भी नहीं जाया किया / उसके बाद चौकने की बारी मेरीथी, हांग काँग में थक्के थे मेरे दिमाग में और यहाँ थक्के मिले अनुनादी विश्लेषण के बाद / संभालना खुद कोकठिन प्रतीत हुआ एक क्षण के लिए लेकिन संभाला मैंने खुद को / विशेषज्ञ चिकित्सक का आदेश हुआ की मैतत्काल भर्ती हो जाऊ, लेकिन मेरा दुर्भाग्य कहिये या सौभाग्य की अस्पताल में कोई बिस्तर खाली ही नहीं था / इसलिए आज मै यह सब लिख पा रहा हूँ / परन्तु चिकत्सक ने अस्पताल छोडने से पहले बता दिया की बिस्तरखाली होते ही हम आपको आपके दूरभाष पर सूचित करेंगे और आप बिना किसी विलम्ब के उपस्थित होंगे / मैंनेसप्रेम हां में अपना सिर हिला दिया / देखेंगे कल क्या होगा /
चिकित्सक ने बताया की हम आपकी शैल्याचिकित्षा नहीं कर सकते, यह बीमारी अब तो आपके जीवन भर रहेगीऔर आपको आजीवन दवा खानी पड़ेगी / मै सोच में पड़ गया की पुरूष तो केवल पत्नी के साथ जिंदगी भर जीवनजीने का व्रत लेता है / मेरे बगल में तो यह बीमारी खड़ी है ज़िंदगी भर के लिए / खैर क्या कर सकते है, मुबारक होमुझे मेरा यह जीवन साथी /
कैसे कहू
कैसे छुपाऊ
न कहू तो कैसे पचाऊ
पेट में आखिर सब बात पचती भी तो नहीं है
किया बहुत कोशिश
लेकिन अब हारता दिख रहा हूँ
कैसे चुप रहू
कह दू
चुप रहू
क्या समझेंगे लोग
कमजोर
दया दिखाएँगे
या फिर हँसेंगे
बेहतर होगा
चुप रहू
देखेंगे
करेंगे कोशिश
दम समेट कर
आखिरी बार


Thursday, July 8, 2010

यह कैसा आपातकाल ?


थाईलैंड के १९ मंडलों में आपातकाल पिछले महीने से लागू है, लेकिन यह आपातकाल कही पर नज़र नहीं आता है / कल शाम को यूँही मै बैंग्काक के खाउसन रोड पर जा पहुचा, खाउसन रोड विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा जगह माना जाता है / यहाँ कल भी उतनी ही चहल पहल थी जितनी की महीना पहले या उससे पहले हुआ करती थी / आपातकाल को ठेंगा दिखाते हुए सारी दुकाने, मयखाने अपने पूरे अंदाज़ में पर्यटकों के लिए खुले हुए थे / सड़क परपूरी दुनिया के पर्यटक चहलकदमी कर रहे थे / मै एक रेस्तरां में बैठ कर अपने खिचड़ी हो रहे बालो पर उंगली फेरते हुए थाईलैंड, आपातकाल और खाउसन रोड पर खुद से ही परिचर्चा करने लगा / क्या देश है क्या कानून है ? हमारे यहाँ तो अगर धारा १४४ लागू हो जाती है तो बाज़ार और आम जन जीवन पर प्रभाव पडने लगता है, कर्फ्यू और आपातकाल में तो जन जीवन ठप ही हो जाता है / यहाँ आपातकाल में भी कोई समस्या नहीं है / और खाउसन रोड ही क्या पूरा बैंग्काक ऐसे ही अपने पुराने ढर्रे पर है / मई के महीने में बैंग्काक के एक दर्जन से अधिक व्यावसाईक इमारतों में आग लगा दी गयी थी एक हिंसक भीड़ के द्वारा / यह वीरान और भुतही सी जली हुई इमारते क्या सोचती होंगी ? इन्हें अपने जल जाने पर तरश भी आता होगा, और बाकी सारे शहर पर यह लानत भी देती होंगी, और शायद मन ही मन यह भी कहती होंगी की कभी हमभी जवान थे कभी हम भी हिस्सा थे इस शहर के /

"ज़िंदगी कभी पीछे मुड कर नहीं देखती है, कल को भुला कर आज में जीने लगती है"

बैंग्काक भी ऐसा ही है, बहुमंजिली बाज़ार के जल जाने के बाद फुटपाथ पर दुकाने खुल गयी / धंधा नहीं होगा तोज़िंदगी कैसे चलेगी, धन तो कमाना ही है कल तक वातानुकूलित बहुमंजिली इमारत में दूकान थी ,और आज टेंट के नीचे फुटपाथ पर / कुछ मंदा ही सही लेकिन धंधा शुरू हो गया / इसे जीवटता कहेंगे या समय के साथ समझौता, मै नहीं तय कर पा रहा हूँ /


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Tuesday, July 6, 2010

अंतिमसंस्कार के बहाने /

कल शाम को बैंग्काक के एक बुद्धिस्ट मंदिर में जाना हुआ / मेरे एक परिचित के पिताजी का देहांत हो गया था एकदिन पहले / मै कल जब जपैया नदी पार करके बुद्धिस्ट मंदिर पहुचा जहा पर एक बड़े से हाल के अंदर रंग बिरंगेपुष्पगुच्छों के मध्य एक सफेत ताबूत रक्खा हुआ है जिस पर सुनहरे रंग की नक्काशी की गयी है / हाल के एकतरफ चबूतरे पर बुद्धिस्ट मोंक बैठे हुई थे और बाकी हाल में कुर्सियों पर मृतक के रिश्तेदार और जान पहचानवाले बैठे थे / मैंने भी एक खाली कुर्सी को भर दिया और कौतूहल वश प्रार्थना सभा को देख रहा था जो सुनायी दे रहाथा वह समझ से परे था / मन को थाम कर बैठा हुआ था तभी एक और परिचित मेरी कुर्सी के बगल वाली कुर्सी परखुद को स्थापित करते हुए मुस्कुरा कर सबाती ख्राब बोले मैंने दबे मन से जवाब तो दिया लेकिन सोचने भी लगामृत आत्मा के प्रार्थना सभा में भी कोई इस तरह से मुस्कुराकर अभिवादन करता है / मैंने अपनी झेप मिटाने केलिए जब दूसरी दिशा में देखा तो पडोश वाला चित्र चहुओर नज़र आया / मैंने खुद को सामान्य करने की कोशिशकी और पड़ोसी से पूछ बैठा की अंतिमसंस्कार कब होगा ? जवाब एक क्षण के लिए चौका देने वाला मिला, एकहफ्ते के बाद होगा मैं दूसरा सवाल पूचता उसके पहले वे खुद ही बताने लगे की, हम बुद्धिस्ट लोगों में यह परम्परा हैकी शव को मंदिर में ,,या फिर दिन तक रखते है और रोज शाम को प्रार्थना होती है और मंदिर में ही रात्रिभोजहोता है / आठवे दिन यदि शनिवार नहीं है तो दिन के समय मृत देह को अग्नि को समर्पित कर देते है / प्रार्थना मेंशामिल होने वाले लोग या तो काले कपडे पहनते है या फिर सफ़ेद / दूसरे रंग के कपडे वर्जित होते है / मृत देह कोजलाने की व्यवस्था भी मंदिर के प्रांगण में ही होती है / पूर्व में जलाने के लिए लकडियों का इस्तेमाल होता थालेकिन आज कल विद्युत से यह अंतिम कार्यक्रम संपन्न होने लगा है / आने जाने वाले परिचित लोग मृतक केपरिवार को कुछ आर्थिंक सहायता भी करते है / बुद्धिस्म के बारे में हालांकि मेरा ज्ञान कमजोर है फिरभी जबभीमौक़ा मिलता है तो समझने की कोशिश करता हूँ / जिज्ञासू मन को रोका भी तो नहीं जा सकता है /

Friday, July 2, 2010

झमेला मेंटर का /

बहुत दिनों से मै समझ नहीं पा रहा था एक शब्द का सही सही मतलब, यह शब्द अंग्रेज़ी भाषा का 'मेंटर' है / कई संभ्रांत और विद्वान जनों से मिलना हुआ इन दिनों, सभी ने दिया तो ढेर सारा उपदेश लेकिन माना नहीं की उपदेश दिए है, छूटते ही कहा की आपकी तो अच्छी मेंटरिंग हो गयी / मैं भारी चिंता में पड़ गया की यह क्या मुसीबत है मेंटरिंग / दिया तो उपदेश अच्छा काम करने के लिए, उकसाया की वंचितों की लड़ाई से पीछे न हटू मैं यह मेंटरिंग बीच में कहा से आ गया / याद आया जब विश्वविद्द्यालय में पढ़ा करता था तो 'मेंटल' नामक एक शब्द का उपयोग कूट शब्द की तरह हम लोग किया करते थे, फला तो मेंटल है / मेंटल माने शहरी जीवन में रचा - बसा नहीं है गवईपन है उसके व्यक्तित्व में / मेंटल और मेंटर में कोई सम्बन्ध तो नहीं है, या मेंटर मेंटल जैसा अधिक समझदार लोगो के बीच का कोई कूट शब्द है / इसे मेंटर और मेंटल के झोलमझेल में काफी समय जाया हुआ / फिर ख़याल आया की इन्टरनेट के पास तो हर सवालों के जवाब बिल जाते है तो मैंने भी अपनी मुसीबत इन्टरनेट के हवाले कर दिया / इन्टरनेट ने जो जवाब दिया उसे मै पूर्ण रूप से समझ तो नहीं पाया लेकिन इतना समझ पाया की मेंटर का मतलब अंग्रेज़ी के शब्द काउंसलर से मेल खाता है, काउन्सलर जो की सलाह देता है / मामला और गंभीर होता दिखा इसलिए यहाँ आ बैठा और अब आप सब प्रबुद्ध ब्लागबाजो से मदद चाहता हूँ मेंटर को समझाने में / कृपया जल्दी मदद पहुचाइयेगा /