Monday, April 20, 2009

बुंदेलखंड परेशान है .

बुंदेलखंड,
आज बहुत उदास है।
उदास है ?
नही परेशान है
परेशान है ?
नही प्यास से बिलबिला रहा है
अरे अभी तो चुनाव है वहां,
फिरभी है समस्या ?
कुछ भी हो यहाँ।
यह समस्याएँ अब यहाँ की संस्कृति का हिस्सा है
पानी की किल्लत ,
नहाना तो दूर शुद्ध पीने का पानी नही मिलता
गर्मी इतनी शुष्क होती है,
कि पसीना भी शरीर पर नही टिकता
ऐसे में बुन्देली लोग कैसे टिके रहते है वर्ष भर ?
कहाँ टिकते है ,
भारी संख्या में पलायन कर जाते है,
मृग मरीचिका का पीछा करते हुए।
और फ़िर घुटते है,
शहर की झुग्गियों में,
बिना पानी के,
आस पास गंध मारते कूड़े के ढेर के साथ
महानगरों के हासिये पर यह आबाद झुग्गियां,
केवल बुन्देली लोगों की नही है
ऐसे सभी लोगों की है जिनकी स्थिति,
बुंदेलखंड जैसी है

प्रशांत भगत

5 comments:

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है ,लेखन के लिए शुभ कामनाएं ............

dhananjay mandal said...

""बुन्देल खंड नही अपितु देश का बहुत बडा हिस्सा पनी के लिये परेशान है.......प्रार्थना करे बादल खुब बरसे .....सभी पनी को सहेजे."" आपकी पोस्ट सुन्दर है ।बधाई.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan... narayan... narayan

Urmi said...

बहुत बढिया!! इसी तरह से लिखते रहिए !

रचना गौड़ ’भारती’ said...

शुभकामनाए
लिखते रहें