क्या पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय आम भारतीय को यह भी बताएगी की हर सिलेंडर के पीछे दी जाने वाली रूपए २२४.३८ की सब्सिडी आती कहा से है ? सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही की बड़ी बातें कर रही है, एक तरफ महंगाई आम भारतीय की कमर तोड़ रही है, दूसरी तरफ सरकार गैस सिलेंडर पर सब्सिडी दे कर अपनी पीठ स्वयं ही थपथपाना चाहती है / सरकार मध्यम वर्ग को केंद्र में रखकर ही अपनी योजनाएं बनाती है, निम्न वर्ग चूकीं बिखरे और असंगठित है इसलिए वरीयता क्रम में नहीं आते है / आज भी लगभग ८० प्रतिशत ग्रामीण घरों में चूल्हा लकड़ी, और गोबर के कन्डो से जलते है / आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र के लोग तो जानते ही नहीं है की क्या होता है गैस सिलेंडर ? लेकिन सरकार उनके हितों को नज़रंदाज करते हुए मध्यम वर्ग की रसोई के लिए सबसिदाईज्द गैस सिलेंडर दे रही है, जिसके वितरण व्यवस्था पर ढंग से लगाम भी नहीं लगा पा रही है / घरेलू गैस का व्यावसायिक इस्तेमाल कितना हो रहा है क्या हमारी सरकार यह बताएगी ? नहीं बताना है तो न बताए इस तरह के आधे अधूरे लोक लुभावन प्रचार करने से तो बाज आये /
5 comments:
चिंतनीय ....
आलेख
आंदोलित करता है
काश आपकी बात सरकार सुन पाती..
देखते हैं जवाब कब मिलता है.
gud one!
Post a Comment